Shayari in Hindi (शायरी), Love Shayari in Hindi, लव शायरी,

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 जिस घाव से खून नहीं निकलता, समझ लेना वो ज़ख्म किसी अपने ने ही दिया है....

कभी लगा वो मुझे सता रहे है,

कभी लगा के वो करीब आ रहे है,

कुछ लोग होते है आंसुओं की तरह,

पता ही नही लगता साथ दे रहे है या छोड़ कर जा रहे है…

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रियासते तो आती जाती रहती हे,

मगर बादशाही करना तो..

आज भी लोग हमसे सीखते हे ।

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आज फिर से छाये है उनकी रहमत से बादल..

किस्मत में भीगना लीखा है या तरसना, खुदा जाने..

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साबित हुआ है गर्दन-ए-मीना पे ख़ून-ए-ख़ल्क़
लरज़े है मौज-ए-मय तिरी रफ़्तार देख कर…
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बहकाता है, बहलाता है, भुलावे देता है... 
दिल भी कम्बख़्त क्या-क्या छलावे देता है
शुक्र है, दिमाग़ अब भी है अपना सही सलामत...
गुस्ताखियाँ करना भी चाहूं, तो बढ़कर रोक देता है
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औरत से है यह दुनिया सारी
फिर भी यह ग़ुलामी सहती है,
औरत के लिए है जीना सजा
फिर भी वह जीए जा रही है,
औरत संसार की किस्मत है
फिर भी किस्मत की मारी है,
औरत आज भी ज़िंदा जलती है,
फिर भी कहलाती वह क़ुरबानी है,
औरत के लिए रोना खता है
फिर भी वह हर ज़ुल्म सहती है,
औरत ने जनम दिया मर्दों को
फिर भी वह कहलाती पैरों की जूती है!!!!
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Shayari in Hindi (शायरी), Hindi shayari love Hindi, लव शायरी

मेरी निगाह की गुस्ताखियाँ समझता है
वो जाने क्यों मुझे फ़िर भी सज़ा नहीं देता
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तुम्हे क्या बताएं ऐ जान मेरी
तूने दिए है कितने ज़ख्म अनजाने में
न कसूर तेरा था, न कसूर मेरा था
हम वक़्त और हालत की सजा पते रहे
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दिमाग पे जोर लगा कर गिनते हो गलतिया मेरी

कभी दिल पर हाथ रख के पूछना कसूर किसका था
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हुकुमत वो ही करता है
जिसका दिलो पर राज हो!!
वरना यूँ तो
गली के मुर्गो के सर पे भी ताज होता है!!
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