कच्छ के रेगिस्तान में चक्रवात के बाद बाढ़:मूसलाधार बारिश से डूबा इंडो-पाक का नडाबेट बॉर्डर; 90-100 KMPH की स्पीड से हवा चल रही
बिपरजॉय तूफान के कारण गुजरात में कच्छ के रेगिस्तान में बाढ़ आ गई। इंडो-पाक बॉर्डर पर स्थित नडाबेट में तेज हवाओं के साथ हुई मूसलाधार बारिश के कारण पूरा रेगिस्तान तालाब में तब्दील हो गया।
यहां गुरुवार देर रात से तेज हवाओं के साथ झमाझम बारिश हो रही है। नडाबेट पर्यटन स्थल पर लगे सोलर पैनल भी गिर गए हैं। यहां अब भी 90-100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है और रुक-रुककर जोरदार बारिश हो रही है। यह पहला ही मौका है, जब इस रेतीले इलाके में बाढ़ जैसा नजारा है।
जामनगर के सीदसर गांव का डैम ओवरफ्लो
जामनगर जिले की कई स्थानीय नदियों में बाढ़ आने के चलते सीदसर गांव के पास स्थित उमिया बांध ओवरफ्लो हो गया है। इसके लिए डैम के आसपास अलर्ट जारी किया गया है। डैम को ओवरफ्लो होने के चलते बांध का एक गेट तड़के सुबह खोल दिया गया।
डैम के गेट खुलने से उपलेटा तालुका के हरियासन, चरेलिया, खर्चिया, रजपारा, रबारिका और जर गांवों के लोगों को सावधान रहने के निर्देश दिए गए हैं।
अंबाजी में सड़कें जलमग्न, यातायात ठप
दांता तालुका के गांवों में चक्रवात बिपरजोय का असर हर दिखाई दे रहा है। यात्राधाम अंबाजी में रात 8 बजे से तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हुई, जो अब भी रुक-रुककर जारी है। अंबाजी मंदिर के आसपास के इलाकों में पानी भर जाने के चलते श्रद्धालुओं को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। ओवरफ्लो होने के चलते कई सड़कों पर यातायात रोक दिया गया है।
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संतालपुर के कई इलाके जलमग्न
पाटण जिले की कई तहसीलों में तेज बारिश जारी है। संतालपुर तालुका के कई इलाके जलमग्न हैं। पेड़ों और बिजली पोल के गिर जाने से बिजली गुल है। साथ ही तेज हवाओं और बारिश से दर्जनों कच्चे मकान भी तहस-नहस हो गए हैं। राधनपुर और डालडी गांव में भी भारी तबाही हुई है।
राजकोट में तेज हवाओं के साथ बारिश
राजकोट शहर समेत गोंडल, जेतपुर, उपलेटा सहित जिले के अन्य जिलों में भी देर रात से तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है। भारी बारिश से कई जगहों पर जलभराव हो गया है। सड़कों पर नदियां बहने जैसा नजारा है। राजकोट शहर के पोपटपारा नाले के उफान पर आने से निचले इलाकों में पानी भर गया है। रेलनगर समेत कई इलाकों का शहर से संपर्क टूट गया है।
बनासकांठा में भारी बारिश
बनासकांठा के वाव तालुका के कई गांवों में मूसलाधार बारिश से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। यहां भी तेज हवाओं के चलते कई कच्चे मकानों की छतें उड़ गई हैं। बिजली गुल होने और गांवों में पानी भरा होने से लोगों के लिए भारी परेशानियां खड़ी हो गई हैं। नदियों के उफान पर होने से कई गांवों का बनासकांठा से संपर्क टूट गया है।
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